सच्चे सुख का मार्ग: नकारात्मकता से दूर रहने की कला। sachche sukh ka marg success motivation story।
ताली एक हाथ से नहीं बजती।
कुछ लोग दूसरों को केवल इसलिए माफ नहीं करते क्योंकि इसे लेकर उनके मन में एक बड़ी गलतफहमी होती है। उन्हें लगता है कि माफ़ करके एक तरह से बे उस व्यक्ति के उस व्यवहार को ना चाह कर भी मान्यता दे रहे हैं जो उनकी नाराजगी का मुख्य कारण था।
वे सोचते हैं, कि अगर बे उस व्यक्ति को माफ कर रहे हैं तो एक तरफ से उसे समर्थन ही दे रहे हैं। वे यहां तक सोच लेते हैं। कि वह अपनी इच्छा के खिलाफ जाकर उस व्यक्ति को बिना कुछ किए छोड़ रहे हैं।
सच्चाई तो यह है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। जेल एक इंसान नहीं बना सकता। कैदी और जेलर दोनों को ही तो जेल में रहना पड़ता है। जब आप एक को कैद से आजाद करते हैं। तो आप भी तो उससे बाहर आ जाते हैं।
आपको अपने को नुकसान पहुंचाने वाले व्यवहार पर ना तो ध्यान देने की जरूरत है। और ना ही उस व्यक्ति को पसंद करने की। आपको तो केवल उसको माफ करना है। ताकि आप अपनी जिंदगी की ओर दोबारा लौट सकें।
इस लिहाज से माफ कर देना तो एक बहुत ही स्वार्थी काम है। इसका दूसरे व्यक्ति से कोई भी लेना देना नहीं है। इसका वास्ता तो आपके अपने मानसिक संतुलन और मन की शांति से है।
कॉमेडियन बडी हैकेट ने एक बार कहा था, में कभी भी किसी के प्रति दोष नहीं रखता। जब आप ऐसा कर रहे होते हैं, तो उधर वे व्यक्ति आनन्द ले रहे होते हैं।
जब आप दूसरे व्यक्ति को लेकर नाराज होते हैं। और जब भी उसके बारे में सोचते हैं। तो एक तरह से अपनी भावनाओं का नियंत्रण उसके हाथों में दे देते हैं।
आप उसको काफी दूरी से ही अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने का मौका देते हैं। किसी को माफ नहीं करके आप उसे अपनी भावनाओं के साथ खिलवाड़ का मौका दे देते हैं। ठीक ऐसे मानो वह आपके सामने है और वहीं घटना दोहराई जा रही हो।
माफ़ करने का रास्ता। sachche sukh ka marg success motivation story।
किसी को माफ करना बहुत आसान है। जब कभी भी आप दूसरे व्यक्ति के बारे में सोचें तो आप प्रतिस्थापन के नियम का पालन करें। और कहें भगवान उसका भला करें, मैं उसे हर बात के लिए माफ करता हूं। और उसके भले की कामना करता हूं।
किसी भी व्यक्ति को दुआ देते या माफ करते वक्त उसे देखकर गुस्सा और विचलित होना संभव ही नहीं है। सकारात्मक विचार आपके नकारात्मक विचार को खत्म कर देते हैं।
आप किसी भी घटना में अपने हिस्से की जिम्मेदारी को स्वीकार कर खुद को आजाद करने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं। गुस्से और असंतोष को जन्म देने वाली कोई भी नकारात्मक घटना सुन्य की स्थिति में नहीं हो सकती।
निश्चित है कि आपने भी ऐसा कुछ किया है जिसने मामले को इस परिस्थिति तक पहुंचा दिया है। इसलिए आपको अपने हिस्से की जिम्मेदारी स्वीकारनी ही पड़ेगी।
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जब आप कहते हैं इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं। मुझे ऐसी स्थिति को या तो आने ही नहीं देना था। या फिर इतना लंबा खिंचने नहीं देना था। मैंने जो किया वह नहीं करना चाहिए था। मैं उसे पूरी तरह से माफ करके मामले को खत्म करता हूं।
शुरुआत में आपके लिए किसी को माफ करना मुश्किल हो सकता है। यह शब्द आपके लिए कड़वे हो सकते हैं। कई लोगों ने अपने वयस्क जीवन का पूरा हिस्सा शिकायत करते हुए ही बिताया होता है।
उन्हें इस बात का डर लगा रहता है कि अगर उन्होंने अपने माता-पिता या अपने नाकाम विवाह की बात करना बंद कर दिया। तो उनके पास बताने या कहने के लिए कुछ भी नहीं रह जाएगा, “लेकिन चिंता मत कीजिए।
जब आप दूसरों को माफ़ करके जानें देते हैं, तब आप ज्यादा तनावरहित और प्रसन्न महसूस करते हैं। गुस्से और असंतोष के भाव जैसे ही आपके दिमाग से दूर जाएंगे वहां सकारात्मक विचार घर करने लगेंगे।
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आपके पास अब ज्यादा ऊर्जा और उत्साह होगा। आप ज्यादा मजबूत और आत्मविश्वास से भरा महसूस करेंगे। आपका पूरा भविष्य दमकते सूरज की तरह आपके आगे बाहें खोल कर खड़ा हो जाएगा।
मत सोचिए कि जब आप अपने को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को माफ करेंगे तो आपके दोस्त क्या सोचेंगे, या कहेंगे। हो सकता है कि वे भी आपकी अपने बीते हुए वक्त की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बारे में शिकायतों से ऊब गए हों।
हकीकत में जब आप लोगों को माफ करने लगेंगे, तो आपको पता चलेगा कि कई लोग तो आपके पास सिर्फ दूसरों के बारे में आपके मुंह से चटपटी बातें सुनने के लिए ही आते थे, ऐसे में लोगों को माफ करते ही आप भी ऐसे फालतू के लोगों से दूर रहने लगेंगे।
वे लोग जिन्हें आपको हर हाल में माफ करना है।
अगर आप अपनी सोच और उसके सहारे अपनी जिंदगी को बदलना चाहते हैं तो आपको चार तरह के लोगों को माफ करना ही होगा।
निजी नजदीकी संबंधी। sachche sukh ka marg success motivation story।
सबसे पहले: अपने माता-पिता को चाहे वो जीवित हों या मृत। आपको अपने लालन-पालन में उनके द्वारा की गई किसी भी गलती के लिए उनको माफ कर देना चाहिए। कम से कम आपको उनके प्रति कृतज्ञ होना चाहिए।
क्योंकि उन्होंने आपको जिंदगी दी। वे ही आपको यहां लाए अगर आप जिंदा रहने पर खुश हैं। तो आप बाकी की सभी बातों के लिए उनको माफ कर सकते हैं। उनके बारे में आज के बाद कभी भी शिकायत मत कीजिएगा।
दूसरे वे लोग, जिनके साथ आपके नजदीकी रिश्ते कारगर न हो सके। कई बार इतनी गहरी और आपकी निजी अवधारणा आत्मसम्मान के लिहाज से इतने संवेदनशील होते हैं, कि आप कई वर्ष तक उन लोगों से नाराज रहते हैं। और उनको माफ नहीं कर पाते।
अपनी प्लेट साफ़ कर दें। sachche sukh ka marg success motivation story।
इसके बाद आपके बचे हुए उन सभी लोगों को माफ कर देना है। जिन्होंने किसी न किसी रूप में आपको नुकसान पहुंचाया है। आपको नुकसान पहुंचाने वाले हर एक व्यक्ति, चाहे वह आपका बॉस, कारोबार के पार्टनर, दोस्त, ठग, या धोखेबाज जो भी है, सभी को माफ कर दीजिए।
अपने दिमाग की प्लेट को साफ कर डालिए उसमें से हर एक के नाम और उसकी छवि को यह कहते हुए मिटा दीजिए। कि मैं उसको हर बात के लिए माफ करता हूं। और उसके भले की कामना करता हूं। जब कभी भी आपको उस व्यक्ति या परिस्थिति की याद आए तो। उसे दोहराएं तब तक जब तक की नकारात्मक भावना पूरी तरह से खत्म ना हो जाए।
अपने आप को आज़ाद कर दें। sachche sukh ka marg success motivation story।
चौथा और अंतिम व्यक्ति जिसे आपको माफ करना है, वह आप खुद हैं? आपको हर बेवकूफी भरी, अर्थहीन, चालाकी भरी, बेकार की, बिना सोची हुई या दुष्टता पूर्ण बात या काम के लिए अपने आप को पूरी तरह से माफ करना होगा। अपने साथ गलतियों के बोझ को लेकर घूमना छोड़ दीजिए। वह सब तो अब गुजर चुका है। और अब आप वर्तमान में हैं।
इसे इस तरह से सोचिए: आपने गुजरे हुए वक्त में वह बातें की जिनके लिए आपको अभी भी अफसोस होता है। उस समय आप आज की तरह नहीं थे। उस वक्त आप एक दूसरे ही किस्म के व्यक्ति थे, युवा और कम अनुभवी।
आप उस वक्त अपने आप को भी ठीक से नहीं जानते थे। आप अनुभव से आज जो बन गए हैं। उस वक्त आप इसी का एक रूप थे। अपने आप को बीते हुए कल की उन बातों के लिए कोसना छोड़े जिन्हें अब बदला नहीं जा सकता।
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केवल इतना कहें, “मैं अपने आपको हर गलती के लिए माफ करता हूं,” मैं एक बहुत ही अच्छा इंसान हूं। और मेरा भविष्य बहुत ही उज्जवल है। जब कभी भी आप इस घटना या परिस्थिति के बारे में सोचें तो अपने आप से दोहराइए।
मैं अपने आपको पूरी तरह से माफ करता हूं। और फिर अपनी जिंदगी की ओर लौट आइए भूतकाल की वजह भविष्य पर ध्यान दें। यह देखें की आप कहां जा रहे हैं, ना की यह कि आप कहां थे।
एक महत्त्वपूर्ण बात। sachche sukh ka marg success motivation story।
अधिकांश लोग माफी को लेकर खुले दिल के होते हैं। यह अधिकांश धर्म के मूल में है। और इसे मनोविज्ञान और अध्यात्म में भी पढ़ाया जाता है।
अपनी जिंदगी में किसी तरह के नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को माफ करने में आपको भी शायद ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। लेकिन यहां एक बड़ा खतरा छिपा हुआ है।
खतरा यह है कि आपका किसी एक बड़े सिकवे को नहीं भूल पाना भी आपकी पूरी जिंदगी को तबाह करने की ताकत रखता है। किसी एक व्यक्ति या घटना को माफ नहीं करने को लेकर आपका अड़ियल रुख आपकी तरक्की को रोक सकता है।
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ऐसे लोगों की दुनिया में कोई कमी नहीं है। जिन्होंने केवल एक व्यक्ति के प्रति अपने गुस्से और विद्वेष के कारण अपनी पूरी जिंदगी तबाह कर ली। वे इसे अपने दिलों दिमाग से जाने नहीं देते, और इसलिए आजाद नहीं हो पाते।
अपने साथ ऐसा मत होने दीजिए। आप में इतना साहस और जीवंत होना चाहिए। कि आप किसी को भी बिना किसी अपवाद के माफ कर सकें। आपकी जिंदगी में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं होना चाहिए। जिसे लेकर आपके दिलों दिमाग में गुस्सा हो।
आपका दिमाग शांत और साफ होना चाहिए। आपको यह बोलने में सक्षम होना चाहिए। कि मेरे मन में दुनिया में किसी के लिए भी नकारात्मक, या माफ नहीं कर पाने का कोई भाव नहीं है। मैं बेझिझक सबको माफ करता हूं।
अपनी भावनाओं को नियंत्रित करें।
नकारात्मक भावना को हटाने के लिए सबसे पहले आप अपने विचारों और काम पर नियंत्रण करें। अपने आप को इस तरह से अनुशासित करें कि जब कभी भी आपके भीतर कोई नकारात्मक भाव आए तो आप उसे व्यक्त न करें।
शुरुआत में आपके लिए किसी हताशा या उम्मीद में नाकामी पर नकारात्मक भावनाओं के प्रदर्शन को रोक पाना मुश्किल रहेगा। लेकिन आप इसे अपने आप से या किसी और से कहने से खुद को रोक सकते हैं। आप इसे यह कहकर तत्काल खत्म कर सकते हैं। कि “इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं”।
आपको ऐसे लोग भी मिल जाएंगे जो कि यह कहते हैं। कि गुस्से, आहट होने, भय या शंका ही नकारात्मक भावनाओं का इजहार अच्छा होता है। लेकिन सच्चाई यही है कि आप जिस किसी भी बात को दोहराते हैं, या जिसके बारे में हर वक्त बात करते हैं। आपके दिमाग में भी वही घर कर जाता है।
जरा सा नकारात्मक अनुभव एक चिंगारी की तरह होता है। जिसे उस बारे में लगातार सोचकर या बातें करके बड़ी आग में बदला जा सकता है। इसकी वजह इसे तो यह कहकर उसी वक्त बुझा देना चाहिए। कि “मैं जिम्मेदार हूं”। फिर उन कारणों की तलाश कीजिए जो आपको जिम्मेदार ठहराते हो। आपको वह हमेशा मिल जाएंगे।
सच्चे भगवान का आगमन होगा। sachche sukh ka marg success motivation story।
एक अंग्रेज कवि ने क्या खूब कहा है, “जब झूठे भगवान चले जाते हैं, तो सच्चे भगवान का आगमन होता है। जब आप नकारात्मक घटनाओं और उनसे उपजने वाली भावनाओं के बारे में सोचना, बोलना और उन्हें दोहराना बंद कर देते हैं।
तो सकारात्मक सोच का असली भगवान आपके दिलों दिमाग में भर जाएगा। जब आप खुद को नाराज करने वाले विचारों, मतों, पूर्वाग्रहों और व्यवहार को चले जाने देते हैं। तो आपका ऐसे विचारों और भावनाओं से साक्षात्कार होगा जो आपको और आपकी जिंदगी को खुशहाल बना देंगे।
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प्रकृति आपके साथ है प्रकृति चाहती है कि आप प्रसन्न, स्वस्थ, संपन्न और खुशहाल रहें। खुशी, सामंजस्य, प्रेम और इंसान को मिलने वाला सबसे बड़ा आशीर्वाद मानसिक सुकून भी आपके भाग्य में लिखा है।
जिस तरह एक जायरोस्कोप धक्का देने के बाद फिर एक बार संतुलन साधकर सीधा खड़ा हो जाता है। ठीक उसी तरह जैसे ही आप खुद को विचलित कर देने वाली बातों को करना और कहना बंद कर देते हैं। जिंदगी में भावनात्मक स्तर पर आपको मानसिक शांति मिल जाती है।
अभी इसी वक्त अपनी नकारात्मक भावनाओं को समाप्त करने का फैसला कीजिए। इसी पल संकल्प लें कि अब आप अपनी जिंदगी के हर पल में सकारात्मक, आशावादी, प्रसन्न, उत्साहित व्यक्ति रहेंगे। अपने बारे में और अपने में छपी संभावनाओं के बारे में अपनी सोच को बदल डालिए। और पाएंगे कि आप आपकी जिंदगी ही बदल जाती है।