Dimag ki taqat best motivation story Hindi।2024

53 / 100

संघर्ष और सफलता की कहानी। दिमाग़ की ताकत।Dimag ki taqat best motivation story Hindi।

दिमाग की ताकत।

आपकी जिंदगी मैं हर परिवर्तन किसी विचार के आपके दिमाग में आने के बाद ही होता है। विचार ही भविष्य की कुंजियां है, विचारों में ही आपकी तमाम समस्याओं के उत्तर छिपे हुए हैं, और लक्ष्य को हासिल करने के रास्ते भी। आपको जरूरत है विचारों का जनरेटर बनने की ताकि आपके दिमाग में लगातार हो रहे परिवर्तनों और आसपास बन रहे मौकों के लिए नित नए और बेहतर विचार आते रहे।

सौभाग्य बस आप मूलतः रचनात्मक होते हैं यह एक प्राकृतिक गुण होता है। आपका जन्म ही इसके साथ हुआ है, लेकिन रचनात्मकता भी इस्तेमाल के सिद्धांत पर ही निर्भर होती है। जो कहता है अगर आप इसे इस्तेमाल नहीं करते तो आप इसे गवा देते हैं। आप कुछ पद्धतियों और तकनीकियों को अपनाकर अपनी रचनात्मकता को जागृत कर सकते हैं।

आगे बढ़ें और पीछे की सोचे

आपकी सोच को बदलने के लिए जरूरी है कि आप इस बात को लेकर अपने विचारों और कल्पना को और व्यापक करें जो आप बन सकते हैं। ऐसी बातें जो आप कर सकते हैं और ऐसी भी जो आपको करनी चाहिए थी। हर वह व्यक्ति जो कि अपनी जिंदगी में कुछ उल्लेखनीय हासिल करता है, शुरुआत एक बड़ी सोच या दृष्टि के साथ करता है। कि उसके लिए क्या संभव है। वे अपने वर्तमान माहौल अपनी निजी सीमाओं और समस्याओं से ऊपर उठकर खुद को भविष्य में देखते हैं। ऐसी जिंदगी जीते हैं जो की वे जीना चाहते थे आपको भी इसी तरह से सोचने का अभ्यास करना होगा।

आप आज जो कुछ भी कर रहे हैं, और आपकी परिस्थिति क्या है सिर्फ आप जानते हैं। आने वाले पांच सालों में अपने आपको कहां देखना चाहते हैं, आप आज जो कुछ भी कर रहे हैं अगर यह करने से आप अपने सपनों को पूरा कर लेते हैं तो आप सही रास्ते पर हो।

लेकिन जब आप दिन रात मेहनत करने के बाद भी अपने सपने पूरे नहीं कर पाते तो आप समय के साथ नहीं बल्कि काफ़ी पीछे चल रहे हैं। तो आप वो सब हासिल नहीं कर सकते जो आप पाना चाहते हैं। अपने आपको उन आने वाले पांच साल में लेजाकर देखिए और कल्पना कीजिए। आपने जो सपने देखे थे सारे सच हो गए। आप हर लिहाज एक आदर्श व्यक्ति हो, तो आपकी जिंदगी कैसी होगी? आप कहां होंगे? आपके साथ कहां पर कौन होगा? आप क्या कर रहे होंगे? आप कितना कमा रहे होंगे? और ऐसा ही बहुत कुछ।

उसके बाद आप आज मैं और अपनी वर्तमान स्थिति में लौट जाते हैं। आप उन तय किए कदमों के बारे में सोचते हैं जो अपना कर आप मिलने वाले मौका का लाभ उठा सकेंगे। और अपनी सीमाओं और बाधाओं से पार पा सकेंगे। रचनात्मक सोच का यही मूल इस्तेमाल होता है। आपकी समस्याओं को हल करना और दिमाग में ऐसे जानदार विचार लाना जिनका इस्तेमाल करके आप अपने सारे लक्ष्य हासिल कर सके, जो आपके लिहाज से महत्वपूर्ण हो।

एक में तीन दिमाग़

पहला दिमाग़:- आप अपनी जिंदगी के बारे में सोचने और उसे जीने का काम तीन अलग-अलग दिमागों के साथ करते हैं। एक आपका जागृत दिमाग है, आप इसका इस्तेमाल नई जानकारी हासिल करने उसे ताजातरीन ज्ञान के आधार पर तौलने, कीमत और उपयोगिता के आधार पर उसका मूल्यांकन करने, और फिर यह तय करने में करते हैं, कि उस पर आगे कुछ किया जाए या नहीं। यह वह दिमाग है जिससे आप अपनी जिंदगी का संचालन करते हैं इसे अधिकांशता वास्तविक दिमाग भी कहा जाता है।

दूसरा दिमाग़:- आपके द्वारा इस्तेमाल किया जानें वाला दूसरा दिमाग़ है अवचेतन। आपका अवचेतन दिमाग एक बहुत बड़े डाटा बैंक की तरह है। इसमें आपकी जिंदगी भर की हर सोच विचार भावना और अनुभव दर्ज हो जाते हैं। इसे निजी दिमाग भी कहा जाता है। इसका काम आपके हर शब्द और हरकत को आपकी निजी अवधारणा के ही हिसाब से रखने का होता है। यह आपके ताजा व्यवहार, धारणाओं,भय, और पूर्वाग्रहों का भी कारक होता है। आपका अवचेतन किसी कारण को नहीं तलाशता यह तो बस आपके आदेश का पालन करता है।

आपका अवचेतन ही आपके शरीर के हर अंग के संचालन के लिए जिम्मेदार होता है। यह आपके नर्वस, सिस्टम दिल की धड़कन की गति, सांस, पाचन, आधारभूत स्मृति आदि पर नियंत्रण रखता है। यह एक बड़े कंप्यूटर की तरह है इतना ताकतवर और सधा हुआ की प्रति सेकंड लाखों कमांड को प्रोसेस कर सकता है। साथ ही यह हर दिन चौबीसों घंटे आपकी अरबों कोशिकाओं में से प्रत्येक में मौजूद केमिकल के संतुलन को भी साधकर रखता है।

तीसरा दिमाग़:- आपका तीसरा दिमाग़ बेहद जागृत दिमाग़ होता है। यही दिमाग आपकी असीमित बुद्धिमत्ता से आपको सीधा जोड़ता है। इसमें सारा ज्ञान भरा होता है। यह आपको अपने द्वारा तय किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी हर सोच हर जवाब को खोजने में मदद करेगा। यह दिमाग, प्रेरणा, कल्पना, अंतर्दृष्टि और शक का स्रोत होता है। यह हर दिन 24 घंटे काम करता है। और आपको किसी भी समस्या या सवाल का सही जवाब सही समय पर दे देगा। यह सहमतियों के तौर पर साफ लक्ष्यों स्पष्ट मानसिक छवियां और स्पष्ट सकारात्मक निर्देशों से संचालित होता है।

जब आप तीनों ही दिमागों का उनके लिए तय काम को करने के लिए, संतुलित इस्तेमाल करेंगे तो अपने लक्षण को अपनी कल्पना से पहले ही हासिल कर लेंगे तीनों उत्पादों का सही इस्तेमाल आपकी सोच और उसे आपकी जिंदगी को बदलने का आधार है।

रचनात्मकता के उत्प्रेरक

रचनात्मकता के लिए प्रेरित करने वाली तीन प्रमुख बातें हैं: आप इनमें से प्रत्येक का अपने हर काम के लिए नियमित इस्तेमाल कर सकते हैं। वे हैं: पहले दिल की गहराई से चाहा गया लक्ष्य, दूसरा समस्याओं का दबाव, और तीसरा विषय या समस्या पर केंद्रित सवाल, जब आप इन तीनों का ही इस्तेमाल करने लगते हैं तो आपको खुद अपने पास आने वाले विचारों के अंबार पर हैरत होगी।

दिमाग को हरकत में ला देने वाली इन तीन बातों_ लक्ष्य, समस्या, और सवाल का इस्तेमाल करके आप अपने तीनों ही दिमागों को एक साथ सक्रिय कर देते हैं। और आप एक औसत व्यक्ति से ज्यादा ऊंचे स्तर पर सोचने और काम करने की गति को तेज कर लेते हैं।

दिल की गहराई से चाहे गए लक्ष्य

दिल की गहराई से चाहे गए लक्ष्य, पहले तो आपको यह पता होना चाहिए कि आप क्या चाहते हैं। एक समय सीमा तय करें इसे मापने योग्य बनाएं। और इसे हासिल करने के लिए एक ऐसी योजना बनाएं जिस पर आप हर रोज काम कर सकें आपके द्वारा चाहे गए लक्ष्य के बारे में आपकी साफ सोच और इसे हासिल करने के लिए लगने वाली विचारों की झड़ी के बीच सीधा संबंध है।

अपने तीनों ही दिमाग में संतुलन साधकर और अपनी रचनात्मकता को सक्रिय करने का सबसे सशक्त तरीका हर सुबह अपने लक्ष्य को वर्तमान काल में लिखना है।

एक नोटबुक खरीद लें हर सुबह आपके नियमित पाठन के बाद कुछ मिनट का वक्त निकाल कर अपने लक्ष्य को वर्तमान में लिखिए। इस तरह से मानो वे मौजूद है उसके कुछ सेकेंड बाद ऐसी कल्पना कीजिए मानो वे लक्ष्य आपने हासिल कर लिए हैं। अपने दिमाग में हर लक्ष्य को ऐसे देखें मानो उसे आपने हासिल कर लिया हो, फिर मुस्कुराए आराम करें और उसे चले जाने दें।

हर रोज अपने दिमागी लक्ष्य को फिर से लिखना, उनको हासिल कर लेने की कल्पना करना और फिर उन्हें पूरे आत्मविश्वास के साथ चले जाने देना, दरअसल आपके दिमाग में अपनी पसंद की चीज को साकार करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

इस पद्धति के साथ आप अपने लक्ष्य को ठीक उसी वक्त साकार करेंगे जब आप उसके लिए पूरी तरह से तैयार हो। अपने लक्ष्य को लिखकर और दोबारा लिखकर आप उनको अपने दिलों दिमाग में और अच्छे से बैठ जानें का पूरा मौका दे देते हैं। एक निश्चित सीमा पर आप अपने बेहद जागृत दिमाग को सक्रिय कर देते हैं। उस वक्त आप अपनी जिंदगी में ऐसे लोगों और परिस्थितियों को आकर्षित करने लगते हैं। जिनसे आपको लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकती है।

भावनाओं को भी जोड़ें

भावना ही मुख्य कुंजी है। किसी भी लक्ष्य के लिए आपके भीतर जितनी ज्यादा भावनाएं उत्पन्न हाेगीं, आप उस लक्ष्य को उतनी ही तेजी से हासिल कर लेंगे। अपने लक्ष्य के बारे में अपने विचार को जब आप गहरी चाहत या रोमांच की भावना से जोड़ते हैं, तो आप अपने दिमाग के घोड़ों को दौड़ने पर मजबूर कर देते हैं। आपका दिमाग एकदम से सक्रिय हो जाएगा और लक्ष्य को हासिल करने के लिए विचारों की झड़ी लगा देगा। किसी बात को पाने के लिए आप जितने सकारात्मक रोमांचित और उत्साहित होंगे उतनी ही तेजी से आपका दिमाग उसे आपकी जिंदगी में साकार करने के लिए काम करने लगेगा।

सोचिए कि अगर आपने लक्ष्य को हासिल कर लिया तो आपको कैसा लगेगा। गर्व, खुशी, राहत, उल्लास या अति उत्साहित आप क्या महसूस करेंगे? भावना कोई सी भी हो आपको आत्मविश्वास और खुशी के साथ उस भावना का उसी तरह से आनंद लेने का प्रयास करना चाहिए, जैसा आप उसको आपकी जिंदगी का हिस्सा होने पर महसूस करते हैं।

अगर आप ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं, और जीवन स्तर को भी ऊंचा उठाना चाहते हैं। तो सोचिए मानो आप वहां पहुंच गए हैं ठीक वैसी ही जिंदगी जी रहे हैं जिसकी आपने कल्पना की थी। अपनी आंखों को बंद करें और खुशी उल्लास और आंतरिक संतोष की भावना को महसूस कीजिए।

जब आप अपने दिमाग में लक्ष्य की छवि को उस भावना के साथ जोड़ लेते हैं, जो आपको उसे हासिल करने पर होगी तो आप अपने दिमाग की उच्च स्तरीय शक्ति को सक्रिय कर लेते हैं। आप अपनी रचनात्मकता को गति दे देते हैं, आपको ऐसी अंतर्दृष्टि और विचार हासिल होंगे, जो आपके लक्ष्य को ज्यादा तेजी से हासिल करने में आपकी मदद कर सकेंगे।

समस्याओं को अवसर समझें

आपकी रचनात्मकता को जागृत करके आपकी सकारात्मक दिमाग को सक्रिय करने वाला दूसरा तत्व है समस्याओं का दबाव। आप अपने दिमाग के लिहाज से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तभी करते हैं, जब आप दबाव और बाधाओं का अनुभव कर रहे हो। जिंदगी की दुश्वारियां और ना टाली जा सकने वाली समस्याओं का सामना करना ही आपको और ज्यादा मजबूत और होशियार बनाता है। और आपके भीतर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बाहर निकाल लाता है।

अधिकांश लोग समस्या की प्रब्रती को ही नहीं समझ पाते। समस्याएं तो जिंदगी का एक सामान्य और अनिवार्य हिस्सा है वे अटल हैं। आप चाहे जितना प्रयास करें समस्याएं तो आकर ही रहेंगी। इसलिए समस्याओं से न घबराएं उनका डट कर सामना करें। आपको एक दिन इनसे छुटकारा मिल ही जायेगा। क्योंकि यह बिना बुलाए ही चली आती हैं। और बिना बोले चली जाति हैं।

समस्या के केवल एक ही हिस्से पर आपका नियंत्रण हो सकता है। और वह है समस्या पर आपकी प्रतिक्रिया। प्रभावी लोग समस्या का सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से सामना करते हैं। इस तरह में बता देते हैं कि उन्होंने जवाब देने के गुण को विकसित कर लिया है। जब कभी भी अनसोची और अनचाही समस्या आती है। तो उन्होंने माकूल जवाब देने की काबिलियत को विकसित कर लिया है।

सभी किस्म की समस्याएं हमारे भीतर के सर्वश्रेष्ठ गुणों को बाहर निकाल लाती है। वे आपको मजबूत और कारगर बना देती हैं। आप पर दबाव जितना ज्यादा होगा आप उसके हल को खोजने के लिए उतनी ही ज्यादा भावनाओं को दाव पर लगा देंगे। और आप इतने ही ज्यादा रचनात्मक बन जाएंगे हर बार जब आप किसी समस्या को रचनात्मक तरीके से हल करेंगे। तो आप ज्यादा होशियार और ज्यादा प्रभावी बनेंगे। परिणाम यह होगा कि आप अपने आप को और बड़ी और ज्यादा समस्या को हल करने के लायक बना देंगे।

Leave a Comment