50+ best chanakya motivation quits in hindi। चाणक्य के प्रेरणादयक थॉट्स हिन्दी में।
हर एक वह व्यक्ति जो रात दिन मेहनत करता है, लेकिन उसकी मेहनत का कोई निश्चय उद्देश्य नहीं है, सिर्फ एक ही कारण है कि दूसरों को देख कर करता रहता है। मनुष्य जिस तरह के समाज में रहता है उसका व्यक्तिव भी वैसा ही परिवर्तित हो जाता है। आपकी मंजिल आपके संघर्ष पर निर्भर करती है कि आप कितने समय में अपनी मंजिल पर पहुंच पाएंगे।
जीवन में सबसे ज्यादा जरुरी है विद्या ग्रहण करना। आपके पास कितनी भी दौलत हो लेकिन अगर आपके पास विद्या धन नहीं है तो आपकी दौलत बहुत जल्दी आपसे दूर हो जाएगी।
बुद्धिमान व्यक्ति एक धनी व्यक्ति को भी अपना सेवक बना लेता है, दौलत पर घमंड करने वाले लोग कहीं नहीं पहुंचते। अपनी काबीलियत और अपनी विद्या पर यकीन करने वाले एक दिन शिखर को छूते हैं।
50+ best chanakya motivation quits in hindi।
- मूर्ख शिष्य को पढ़ाने से, दुष्टा स्त्री के पालन-पोषण से अथवा दीन दुखियों के सम्पर्क में रहने से, बुद्धिमान मनुष्य भी दुख पाते हैं।
- दुष्टा स्त्री कपटी मित्र हर बात में जवाब देने वाला नौकर, तथा जिस घर में सांप रहता हो, उसमें रहना मृत्यु के समान है इसमें तनिक भी संदेह नहीं है।
- आपातकाल के लिए धन की रक्षा करें धन से बढ़कर स्त्री की रक्षा करें, तथा धन और स्त्री दोनों से बढ़कर सर्वदा अपनी रक्षा करना चाहिए।
- आपत्ति के निवारण के लिए धन की रक्षा करना उचित है, धनी मनुष्य है तो विपत्ति कैसी? लक्ष्मी चंचल है कभी-कभी संजोया हुआ धन भी नष्ट हो जाता है।
- जिस देश में सम्मान नहीं और जीने का कोई साधन नहीं कोई मित्र नहीं, न ही विद्या प्राप्त करने का कोई साधन हो, तो ऐसे स्थान पर कभी नहीं रहना चाहिए।
- जहां पर धनी व्यक्ति, बुद्धिमान पुरुष, राजा, नदी या जलाशय अथवा वैध ये पांचों ना हो वहां एक दिन भी ना रहना चाहिए, क्योंकि इनके रहने पर वह स्थान लोक अथवा परलोक दोनों बन जाता है।
- जिस स्थान पर जीवन, भय, लज्जा (शर्म), चतुराई और थोड़ा बहुत त्याग करने की लगन इन पांचों चीजों का अभाव हो वहां के लोगों की संगत कभी ना करें।
50+ best chanakya motivation quits in hindi।
- कठिन काम पड़ने पर सेवक की, संकट के समय भाई बंधु की, आपत्ति काल में मित्र की तथा धन के नाश हो जाने पर स्त्री की परीक्षा होती है।
- मांगलिक उत्सवों में बीमारी की दशा में, शत्रुओं द्वारा दुख दिए जानें पर, राजा के समीप जानें पर और शमशान तक जो साथ रहता है, वही सच्चा मित्र है।
- जो मनुष्य निश्चित वस्तुओं को छोड़कर अनिश्चित वस्तुओं की इच्छा करता है। उनका अनिश्चित तो नष्ट है ही, पर निश्चित भी नष्ट हो जाता है।
- बुद्धिमान व्यक्ति को चाहिए की अच्छे कुल की चाहे कुरूप कन्या ही क्यों ना हो, उससे विवाह कर लें किंतु स्वरूप बती नीचे कुल की कन्या का आवरण ना करें, क्योंकि विवाह समान कुल में ही उत्तम होता है।
- नदियों का, नख व सींग वाले हिंसक जीव सिंह आदि का, शस्त्र लिए हुए पुरूष का, घमंडी धनी व्यक्ति का, और स्त्री का विश्वास कभी नहीं करना चाहिए।
- विष से अमृत, अशुद्ध स्थान से सोना, नीचे से विद्या तथा दुष्ट नीचे कुल की रत्नरूपी स्त्री का ग्रहण कर लेना उत्तम है।
- पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों का भोजन दो गुना, लज्जा चार गुना, साहस छः गुना, और काम आठ गुना अधिक होता है।
- मिथ्या बोलना, बिना विचारे किसी काम को करना(उतावलापन), कपट, मूर्खता, लालच (तृष्णा), अपवित्रता और दयाहीनता, ये सब स्त्रियों के स्वाभाविक दोष हैं।
- सुंदर भोज्य पदार्थ, भोजन पचाने की शक्ति, सुंदर रमणी, रति शक्ति और ऐश्वर्य तथा दान शक्ति, यह सब थोड़ी तपस्या की फल नहीं है।
- आज्ञाकारी पुत्र, आज्ञाकारिणी स्त्री, थोड़े ही धन में संतोष जिसे प्राप्त हो, तो उसका स्वर्ग यही है।
- पुत्र वही जो पिता की आज्ञा को माने, पिता वही जो परिवार को पाले, मित्र वही जिस पर अपना विश्वास हो और स्त्री वही है जिससे सुख शांति प्राप्त हो।
- पीठ पीछे काम को नष्ट करें और सम्मुख मीठी-मीठी बात करें। ऐसे मित्र को छोड़ देना चाहिए, क्योंकि यह विश से भरे उस घड़े के समान है जिसमें ऊपर दूध हो और नीचे विश।
- कुमित्र पर तो विश्वास करना ही नहीं चाहिए, और मित्र से भी रहस्यमय बात ना करना चाहिए, क्योंकि कभी मित्र रुष्ठ हो जाए तो उस रहस्य का भंडाफोड़ कर देगा।
- मन से उद्घ्रित कार्य को वाणी द्वारा प्रकाशित नहीं करना चाहिए, बल्कि उस बात को मंत्र की तरह गुप्त रखकर कार्य में लाना चाहिए।
- यह निश्चित है कि मूर्खता कष्टमई है और युवा अवस्था में दुख दायिनी है, किंतु इन सब कष्टों से भी कष्ट कारक है पर ग्रह का बास।
50+ best chanakya motivation quits in hindi।
- कहते हैं कि सब पर्वत मनिधारी नहीं होते, ना सब हाथियों में गजमुक्ता होती है, न ही सब जगह पर साधु व हर एक बन में चंदन नहीं मिलते, अर्थात यह सभी अमूल्य वस्तुएं किसी एक खास स्थान पर ही मिलती हैं।
- बुद्धिमान पुरुष अपने लड़कों को नीति शास्त्र व विद्या में निपुण करता है, क्योंकि राजनीति व विद्या को जानकर ही संसार में कुल पूज्य माना जाता है।
- वे माता और पिता शत्रु के समान है, जो अपने बच्चों को पढ़ाते नहीं हैं, बिना पढ़े-लिखे बालक की वही दशा होती है जैसे हंसों में बगुला शोभा नहीं पाता।
- अत्यधिक दुलार लाड़ प्यार से पुत्र अथवा शिष्य बिगड़ जाते हैं, और दंड से गुणवान होते हैं, इसलिए पुत्र और शिष्य दोनों पर कड़ा अनुशासन रखना चाहिए।
- हर मनुष्य को एक श्लोक या आधा श्लोक चौथ यह श्लोक अथवा एक ही अक्षर प्रतिदिन पढ़ना उचित है, कहा गया है: (रस्सी के ही रगड़ से घिर पड़त निशान। नित प्रति अक्षर के पड़े मूर्ख हो विद्वान।) इसलिए सबका कर्तव्य है दान अध्ययन आदि कर्म से जीवन को सार्थक करना चाहिए।
- स्त्री वियोग, स्वजन से अपमान, युद्ध में बचा हुआ शत्रु, दुराचारी राजा की सेवा, दरिद्रता और विवेकहीन मनुष्यों की सभा, ये सभी आग के बिना ही शरीर को जला देते हैं।
- नदी के तट के वृक्ष, पर घर को जाने वाली स्त्री, और बिना मंत्री के राजा, यह निश्चित ही शीघ्र नष्ट हो जाते हैं।
- वैश्या निर्धन पुरुष को, प्रजा पराजित राजा को, पक्षी फलहीन वृक्ष को, और अतिथि भोजन के बाद घर को छोड़ देते हैं।
50+ best chanakya motivation quits in hindi।
- ब्राह्मण यजमान से दक्षिणा लेने के बाद, एवं शिष्य गुरु से विद्या प्राप्त करने के बाद, तथा मृग जंगल को जल जाने के बाद त्याग देते हैं।
- बुरे आचरण वाला, पाप दृष्टि रखने वाला, निकृष्ट स्थान पर रहने वाला, और दृष्टों से मित्रता करने वाला मनुष्य शीघ्र ही नष्ट हो जाता है। अतः बुरे का साथ नहीं करना चाहिए।
- किसके कुल में दोष नहीं है, कौन है ऐसा जिसे रोग ने पीड़ित ना किया हो, कौन है जिसे दुख ना व्यापा हो, और कौन है जो सदा सुखी हो। अर्थात ऐसा कोई नहीं।
- मनुष्य के आचरण से उसके कुल खानदान का पता लगाया जा सकता है, बोली भाषा से देश का पता लगाया जा सकता है, आदर प्रेम को जाहिर करता है, और शरीर से भोजन का पता चलता है।
- कन्या का विवाह अच्छे कुल में करना चाहिए, लड़के को विद्या अध्ययन में लगाना चाहिए, शत्रु को विपत्ति में डालना, एवं मित्र को अच्छे कार्य में लगाना उचित है।
- चुगलखोर और सर्प इन दोनों में सिर्फ अच्छा है, क्योंकि काल मौत के आने पर ही डसता है लेकिन दुष्ट चुगलखोर पग पग पर कष्ट देता है।
- राजा कुलीन, सभासद, और निमित्त इकट्ठा करता है, ताकि वे आदि, मध्य और अन्त यानि उन्नति, अवनति और विपत्ति तीनों परिस्थितियों में राजा का साथ नहीं छोड़ते हैं।
- प्रलय के समय समुद्र अपनी मर्यादा का त्याग कर देता है, सागर भी दुराव की इच्छा रखता है, किंतु साधु प्रलय काल में भी अपनी मर्यादा को नहीं छोड़ते।
- मूर्खों से सदा दूर ही रहना चाहिए, क्योंकि मूर्ख मानव शरीर धारण करते हुए भी पशु समान होते हैं, और उनके शब्द छिपे हुए कांटों की तरह होते हैं।
- सुन्दर स्वरूप, तरुण अवस्था, ऊंचे कुल में जन्म, इन सबके रहते हुए भी अगर विद्या रूपी भण्डार नहीं है, तो वे मनुष्य उस पुष्प की तरह है जिसमें सुगन्ध नहीं होती है।
- कोयल स्वर से शोभित होती है, स्त्री पतिबृत धर्म से कुरूप विद्या से शोभा पाता है, और तपस्वियों की शोभा क्षमा, सहनशीलता से होती है।
- अगर एक के छोड़ने से कुल की मर्यादा बचे तो एक का त्याग कर देना चाहिए, कुल को त्यागने से गांव की मर्यादा बचे तो कुल का त्याग कर दें, देश की रक्षा के लिए गांव छोड़ दें, तथा आत्मरक्षा के लिए यदि सारी पृथ्वी छोड़नी पड़े तो अपना धर्म है कि सबका त्याग कर देना चाहिए।
- उद्योगी जन के पास दरिद्रता, तप, पूजा पाठ करने वाले के समीप पाप, चुप रहने वाले के पास कलह लड़ाई झगड़ा, और सर्वदा जागृत रहने वाले के पास भय डर नहीं भटकते। अर्थात् इनसे ये सब दूर रहते हैं।
50+ best chanakya motivation quits in hindi।
- अत्यंत सुंदरी होने के कारण सीता का हरण हुआ, अत्यंत गर्व, घमंड के कारण रावण का नाश हुआ, सर्वाधिक दान के कारण राजा बलि बांधा गया, कहने का तात्पर्य यह है कि, कोई भी चीज सीमा से अधिक होने पर दुखदाई होती है।
- सामर्थ्यवान के लिए कुछ भी भारी नहीं, उद्योगी के लिए कोई स्थान दूर नहीं, सर्व विद्या युक्त को कहीं विदेश नहीं, और सरस (मीठी) वाणी बोलने वाले का कोई पराया नहीं। अर्थात कोई भी शत्रु नहीं।
- यदि वन में एक भी सुगंधित वृक्ष हो तो संपूर्ण बन सुगंधित हो जाता है, ठीक इसी प्रकार यदि कुल में एक भी सुपुत्र हो तो कुल भी तर जाता है।
- एक सूखे वृक्ष में आग लगने से संपूर्ण वन जल जाता है, उसी प्रकार कुल का एक कुपुत्र पूरे कुल का नाश कर देता है।
- एक ही पुत्र हो वह विद्वान, साधु चरित्र का हो तो संपूर्ण कुल ऐसा आनंदित हो जाता है जैसे एक ही चंद्रमा से रात्रि सोभायमान होती है।
- शोक संताप दुख पैदा करने वाले बहुत से पुत्रों से कोई लाभ नहीं, बल्कि शांति और विश्राम देने वाला एक पुत्र ही सबसे अच्छा है।
- पांच वर्ष तक पुत्र को प्यार दुलार करें उसके बाद दस वर्ष तक पुत्र को दंड आदि देकर अच्छे मार्ग पर चलने को प्रेरित करें, और सोलह वर्ष के बाद पुत्र से मित्र की भांति व्यवहार करना चाहिए।
50+ best chanakya motivation quits in hindi।
- भयंकर उपद्रव उठने पर, शत्रु के आक्रमण करने पर, भयानक अकाल पढ़ने पर, अथवा दुष्ट मनुष्य की संगत में पड़ने पर जो भाग जाता है, वही जीवित रहता है।
- धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष इनमें से जिन मनुष्यों के पास एक भी ना हो उसका जन्म लेना भी मृत्यु तुल्य ही है।
- जिस घर में मूर्खों की पूजा नहीं होती वहां अन्य का संचित भंडार रहता है, तथा जिस घर में स्त्री पुरुष में कलह नहीं होता उस घर में लक्ष्मी अपने आप सर्वदा विद्यमान रहती है।
- यह निश्चित है की आयु, कर्म, धन, विद्या, और मरण यह पांच शरीरधारी जीव के गर्भवास में ही लिख जाता है।
- साधु महात्माओं के संपर्क में आने से मित्र बंधु तथा उनके साथ चलने वाले सांसारिक व्रतियों से निवृत हो जाते हैं, तथा उनके पुण्य से उनका कुल उज्जवल हो जाता है।
- ध्यान पूर्वक देख रेख और स्पर्श से मछली, कछुए, पक्षी अपने बच्चों का पालन पोषण करते हैं, उसी प्रकार सज्जनों की संगति से जीवो की रक्षा होती है।
- जब तक मनुष्य का शरीर रोग रहित है तब तक मृत्यु आने के पहले ही कुछ कल्याण कारक, अथवा पुण्य आदि अच्छे कार्य कर लेना चाहिए क्योंकि अंत समय में कुछ नहीं कर पाएगा।
- विद्या कामधेनु के समान गुणवती है, जो हर समय इच्छित फल देती है, विद्या परदेश में माता की तरह रक्षा करती है, विद्या को विद्वान लोगों ने गुप्त धन भी कहा है, इसलिए विद्या का संचय अति आवश्यक है।
- एक गुणवान पुत्र सैकड़ो मूर्ख पत्रों से अच्छा होता है, जैसे एक ही चंद्रमा संपूर्ण अंधकार को दूर कर देता है, और हजारों तारों से भी अंधकार नष्ट नहीं होता।
- ज्यादा दिन जीवित रहने वाले मूर्ख पुत्र से पैदा होते ही मर जाने वाला पुत्र अच्छा होता है, क्योंकि मरा हुआ थोड़े ही समय के लिए दुख का कारण होता है, किंतु मूर्ख जब तक जीवित है तब तक दुख देता है।
- बुरे गांव का बास, नीचोंं की सेवा, कुभोजन, क्रोधी झगड़ालू स्त्री, मूर्ख पुत्र और विधवा कन्या ये छह बिना आग के ही शरीर को जला देते हैं।
50+ best chanakya motivation quits in hindi।
- उस गाय से क्या लाभ जो ना दूध दे और ना गर्भधारण करें, ऐसे ही उस पुत्र से भी क्या लाभ जो न विद्या मैं निपुण हो और ना ईश्वर भक्ति करें।
- सांसारिक ताप से जले हुए लोगों के लिए केवल तीन ही विश्राम के साधन हैं, पुत्र, स्त्री और सज्जन की संगति।
- अकेले तपस्या, दो के साथ पढ़ना, तीन के साथ गायन, चार के साथ यात्रा, पांच के साथ खेती, तथा बहुत लोगों को साथ लेकर युद्ध भली भांति होता है।
- पत्नी वही है जो चतुर और पवित्र हो, पत्नी वही है जो पतिव्रता हो, पत्नी वही है जो पति को प्रसन्न रखे, पत्नी वही है जो सर्वदा सच बोल।
- बिना पुत्र के घर सुना, बिना बंधु बांधव के दिशाएं सूनी, मूर्ख का हृदय सूना, और दरिद्रता में तो सब कुछ सूना ही सूना है।
- दयाहीन धर्म का त्याग, विद्या हीन गुरु का त्याग, क्रोधी स्त्री का त्याग, प्रेमहीन बंधु का त्याग कर देना ही सर्वदा अनुकूल रहता है।
50+ best chanakya motivation quits in hindi।
- बिना अभ्यास (भूल जाने) से विद्या जहर ही है, बिना पचे (हजम हुए) भोजन जहर ही है, दरिद्रों को सज्जनों की सभा और वृद्धों को तरुण स्त्री जहर ही है।
- मनुष्यों के लिए बहुत रास्ता चलना, घोड़े को बांधकर रखना, स्त्रियों को पुरुष का समागम ना होना, वस्त्रों को ज्यादा समय तक धूप न मिलना बुढ़ापे का कारण है।
- ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य उनके देवता अग्नि में है, मुनियों के देवता हृदय में है, अल्प बुद्धि बालों के देवता मूर्तियों में है, समदर्शियों के देवता सारे जगत में समान रूप से हैं।
- जिस प्रकार घिसकर, काटकर, तपकर,और पीट कर, चार प्रकार से सोने की परीक्षा की जाती है, वैसे ही पुरुष की परीक्षा भी चार प्रकार, त्याग, शील, गुण, और कर्म से होती है।